तरीके से पहले सलीका सीख रहे हैं बुलेट ट्रेन के कर्मचारी


मुंबई, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के लिए बुलेट ट्रेन के कर्मचारियों की जापानी क्लास लग रही है। पिछले डेढ़ वर्षों में करीब 140 कर्मचारियों ने जापानी भाषा के शिष्टाचार और वहां की संस्कृति के बारे में टेनिंग ली हैइन कर्मचारियों को शिंकानसेन ट्रेन की तकनीक सीखने के लिए जापान में ट्रेनिंग दी जाएगी। इसीलिए तरीका सीखने से पहले सलीका सिखाया गया है। नैशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन द्वारा मुंबई और अहमदाबाद के बीच भारत की पहली बुलेट ट्रेन चलाने की योजना है। उसकी तकनीक जापान की शिंकानसेन बुलेट ट्रेन तकनीक पर आधारित है। कॉर्पोरेशन से जुडे कर्मचारियों को दिल्ली में रोजाना शाम 5:30 से 6:30 बजे तक प्रत्यक्ष रूप से और अन्य केंद्रों पर विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है।


'ओहायू गोजाएमासू' से शुरुआत :


हाल ही में कॉर्पोरेशन के 72 कर्मचारियों के एक बैच को जापानी भाषा और संस्कृति शिक्षा ट्रेनिंग के सर्टिफिकेट दिए गए। टेनिंग प्रोग्राम जापान फाउंडेशन नाम की संस्था आयोजित कर रही है। गड मॉनिंग के लिए ओहाय गोजाएमास, दोपहर के लिए कोचीनीना. ओया सुमिनासाई मतलब शुभ रात्रि और विदा लेना हो, तो सायोनारा और देवा माता से काम चल जाएगा। इस तरह के शब्द और शिष्टाचार से कर्मचारियों को अवगत कराया जा रहा है


नौकरी के लिए रखी थी शर्त :


इसी साल जन में विभिन्न पदों पर नौकरी के लिए भर्ती निकाली थी इसमें जापानी भाषा के ज्ञान की शर्त रखी थीद्वारा बताया गया था कि नौकरी करने के इच्छुक उम्मीदवारों को जापानी लैंग्वेज प्रोफेंसी टेस्ट पास करना जरूरी होगाट्रेन के ऑपरेशन और रखरखाव के पदों के लिए स्टेशन ऑपरेशन, ट्रेन ऑपरेशन, रोलिंग स्टॉक, सिग्नलिंग, टेलिकम्युनिकेशन, इलेक्ट्रिकल ऐंड ट्रैक 13 मिडिल लेवल प्रबंधक पदों की नौकरियां निकाली गई थी।


2023 तक बुलेट चलाने की योजना :


जापानी शिकांनसेन तकनीक पर चलने वाली बुलेट ट्रेन की रफ्तार 320 किलोमीटर प्रतिघंटा होगी। ये ट्रेन मुंबई और अहमदाबाद दोनों शहरों के बीच का 508 किलोमीटर का फासला सिर्फ 3 घंटे में पूरा करेगी। मंबई और अहमदाबाद को मिलाकर पूरे रूट पर कुल 12 स्टेशन होंगे। फिलहाल बुलेट ट्रेन के लिए जमीन अधिग्रहण का काम चल रहा है।