नई दिल्ली, दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 के लिए 8 फरवरी को वोटिंग होनी है। इस बार कुल 672 प्रत्याशी दिल्ली विधानसभा में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। बात करें 1972 के चुनाव की तो उस समय कुल 9 राजनीतिक दलों ने चुनाव लड़ा था। इनमें भारतीय जन संघ, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई), भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (ओ), संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी/सोशलिस्ट पार्टी, स्वतंत्र पार्टी, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया और अखिल भारत हिन्दू महासभा शामिल थीं। 1972 के चुनाव के समय दिल्ली में 56 विधानसभा क्षेत्र थे। इनमें से कोई भी आरक्षित सीट नहीं थी। इसमें 49 सामान्य वर्ग और 7 अनुसूचित जाति वर्ग से थे। वहीं हर एक विधानसभा क्षेत्र में औसत प्रत्याशियों की संख्या 5 थी। चुनाव में कुल 270 प्रत्याशियों ने अपनी किस्मत आजमाई थी, जिसमें कुल मतदाता की संख्या 20,68,437 थीं। वहीं पुरुष मतदाता 11,71,596 और महिला मतदाता 8,96,841 थे। इस चुनाव में मतदान करने वाले कुल मतदाताओं की संख्या 14,24,384 और उनका प्रतिशत (68.86) था। मतदान करने वाले पुरुष 8,08,991 थे जिनका प्रतिशत (69.05) था। नहीं मतदान में कुल 61,53,93 महिलाओं ने भाग लिया। जिनका प्रतिशत (68.62) था। कुल वैध मतों की संख्या 1,40,37,464 थी। वहीं रिजेक्ट किए गए मतों की संख्या 20,620 थी। इस विधानसभा चुनाव के लिए कुल 2351 मतदान केंद्र बनाए गए थे। हर मतदान केंद्र पर मतदाताओं की औसत संख्या 880 थी।
चुनाव में महिला उम्मीदवारों के मुकाबले पुरुष उम्मीदवारों का प्रदर्शन :
चुनाव में कुल 270 उम्मीदवार उतरे थे। जिसमें 261 पुरुष प्रत्याशी और नौ महिला प्रत्याशी थीं। चनाव में 29 परुष उम्मीदवारों (अनुसूचित जाति) ने अपनी किस्मत आजमाई थी। वहीं अनसचित जाति की एक महिला उम्मीदवार थी। चुनाव में 148 परुष उम्मीदवारों ने अपनी जमानत गंवाई थी। जबकि जमानत गवाने वाली महिला उम्मीदवारों की संख्या दो थी।