कोटा के बाद अब गुजरात के राजकोट में 111 और अहमदाबाद में 85 मासूमों की मौत

राजकोट/अहमदाबाद, राजस्थान के कोटा में 110 बच्चों की मौत के सदमे से अभी देश बाहर भी नहीं आया पाया है कि अब गुजरात में 196 मासूमों की मौत का मामला सामने आया है। गुजरात में राजकोट के सिविल अस्पताल में पिछले महीने दिसंबर में 111 बच्चों की मौत हो गई, वहीं अहमदाबाद में 85 नवजातों ने दम तोड़ दिया। हैरानी की बात यह है कि जब इस बारे में पत्रकारों ने मुख्यमंत्री विजय रुपाणी से सवाल पूछा तो वह जवाब दिए बिना ही आगे बढ़ गए। इधर, अहमदाबाद सिविल अस्पताल के सुपरिटेंडेंट जीएस राठौड़ ने बताया, 'दिसंबर में 455 नवजात आईसीयू में भर्ती हुए थे, उनमें से 85 की मौत हो गई।' राजकोट में भी 111 मासूमों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। हालांकि, अस्पताल प्रशासन इन मौतों की बात स्वीकार तो कर रहा है लेकिन किसी चिकित्सीय लापरवाही से साफ इनकार कर रहा है। जब मीडिया ने सीएम रुपाणी से इन मौतों पर सवाल किया तो वह चुप्पी साध गए। अस्पताल प्रशासन की सफाई उधर, अस्पताल प्रशासन का कहना है कि राजकोट में नवजातों की औसतन मृत्यु दर 70-80 है। इसकी सबसे प्रमुख वजह नवजातों का देरी से भर्ती होना है। गुजरात के सौराष्ट्र इलाके में राजकोट एकमात्र केंद्र है, जहां बेहतर चिकित्सा के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। देश के अलग-अलग इलाकों में नवजातों की मौत बता दें कि राजस्थान के कोटा स्थित जेके लोन अस्पताल में नवजात बच्चों की बड़ी संख्या में मौत ने देशभर के होश फाख्ता कर दिए हैं। पिछले एक महीने में 110 नवजात इस अस्पताल में दम तोड़ चुके हैं। कोटा के बाद राजस्थान के बूंदी से ही मासूमों की मौत की एक और खबर सामने आई। वहीं, बीकानेर के पीबीएम अस्पताल में भी एक महीने के अंदर 162 बच्चों की मौत का मामला सामने आया हैबूंदी में 10 बच्चों की हुई थी मौत यह आंकड़े इसलिए भी भयावह हैं कि इन अस्पतालों की दुर्दशा के कारण यह नौबत आई है। कोटा के जेके लोन अस्पताल में तो खुद राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने पाया कि सुअर घूम रहे थे और दरवाजे टूटे हुए थे। सफाई नदारद थी और स्टाफ की काफी कमी थी। डीन ने खुद की पुष्टि अब कोटा के बार राजकोट की खबर से सभी सिहर गए हैं। एक महीने में यहां भी 111 बच्चे मौत की नींद सो गए। यह जानकारी इसलिए भी भयावह है कि खुद अस्पताल के डीन मनीष मेहता ने इसकी पुष्टि की है। इसके बावजूद सूबे के मुखिया पत्रकारों द्वारा इस बारे में सवाल पूछने पर जवाब नहीं दे पाए और आगे बढ़ गए।