पहले मां ने नवजात को दिया गोद, अब बच्चे को वापस पाने के लिए पुलिस से मांगी मदद


को बेंगलुरु, कर्नाटक के बनशंकरी के रहने वाले एक इंजिनियर कपल ने अपने तीन महीने के शिशु को मैसूर के रहने वाले एक दंपती को गोद दे दिया। बाद में नवजात की मां को इसका अपराधबोध होने लगा तो उसने पुलिस से अपने बच्चे को वापस लाने के लिए मदद मांगी। पुलिस ने बच्चे के माता-पिता और एक अन्य शख्स के खिलाफ केस कई धाराओं में केस दर्ज किया है और बच्चे को कब्जे में लेकर बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) को सौंप दिया है। पूरा मामला है कि बनशंकरी के रहने वाले रक्षा और सुरेश (दोनों बदले हुए नाम) एक प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं। बीते अक्टूबर महीने में उनके घर एक बच्चे ने जन्म लिया। नवजात शिशु की देखभाल के लिए दंपती ने घरेलू नौकर रखे थे लेकिन वे बारी-बारी से काम छोड़कर चले गए। इसके बाद बच्चे पर ध्यान देने के चक्कर में दंपती को अपना काम प्रभावित होता दिखा तो उन्होंने उसे किसी जरूरतमंद को देने का फैसला किया। बिचौलिए से किया संपर्क इस संबंध में दंपती एक बिचौलिए शिव राज (बदला हआ नाम) से मिले। नवजात की मां रक्षा ने उससे कहा कि वह अपने बच्चे को किसी ऐसे दंपती को गोद देना चाहते हैं जो संतानहीन, शिक्षित और आर्थिक रूप से स्टेबल होंइसके बाद बीते 13 दिसंबर को शिव राज ने उन्हें फोन कर बताया कि उसने एक ऐसे दंपती की तलाश कर ली है, जो उनके शिश का बेहतर ख्याल रख सकते हैं। शिश को ले जाने वाले दंपती ने नहीं बताया अपना पता  16 दिसंबर को शाम 5 बजे के आसपास एक दंपती और उनके साथ एक अन्य सज्जन दो गाड़ियों से आए। तीनों ने रक्षा और सरेश को आश्वासन दिया कि वे उनके बच्चे की अच्छे से देखभाल करेंगे। इसके बाद वे चले गएउन्होंने शिश के माता- पिता को अपने रहने का पता भी नहीं बताया। इसके बाद रक्षा जब घर पहंची तब उन्हें इसे लेकर अपराधबोध महसूस होने लगा। उसने शिव राज के पास फोन कर बच्चे को एडॉप्ट करने वाले दंपती का पता पछा। पुलिस से मांगी मदद शिव राज ने रक्षा को बताया  कि दंपती ने उन्हें अपना कोई पता नहीं बताया था। उसने कहा कि वह सिर्फ एक बिचौलिया है। शिव ने रक्षा को पुलिस से संपर्क करने की सलाह दी। मंगलवार को पुलिस ने पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई और अपनी गलती स्वीकारते हुए पुलिस से बच्चे का पता लगाने का अनुरोध किया। संयोग से यह एफआईआर सिटी पुलिस थाने में बीते साल (2019) की अंतिम शिकायत थी।मुकदमा दर्ज पुलिस अधिकारी ने बताया कि रक्षा और सुरेश अपने बच्चे को टाइम नहीं दे पाते थे इसलिए उन्होंने उसे अपने से दूर करने का फैसला किया था। मामले में पैसे का लेन-देन नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि रक्षा, सुरेश और शिव राज के खिलाफ किशोर न्याय (देखभाल और संरक्षण) की धारा 80 (इल्लीगल एडॉप्शन), 81 (बच्चा खरीदफरोख) और 87 के तहत मामला दर्ज किया गया है। मामले की हर ऐंगल से जांच की जा रही है।