आम बजट 2020 में एक ऐसे आधुनिक भारत के निर्माण का स्वप्न झलकता है, जो दुनिया में विकसित हो रही नवीनतम तकनीक को हर स्तर पर अपनाने में सक्षम हो। आज विज्ञान और टेक्नॉलजी के निरंतर विकास के जरिए अनेक देशों ने अभूतपूर्व तरक्की की है। वहां के नागरिकों के जीवन में आमूल बदलाव आया है। भारत में भी जीवन के हर स्तर अपनाने की शुरुआत हो चुकी
भारत में भी जीवन के हर स्तर पर नई तकनीक, नए तरीकों को अपनाने की शुरुआत हो चुकी है, लेकिन अब भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। इसलिए इस बजट में तकनीक पर खास तौर से फोकस किया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस संबंध में कई बड़े ऐलान किए हैं। जैसे सरकार अगले 5 सालों में क्वॉन्टम ऐप्लिकेशन पर 8 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी। गौरतलब है कि क्वॉन्टम कंप्यूटिंग ऐसाँ टेक्नॉलजी है, जिसकी मदद से बड़े डेटा और इन्फॉर्मेशन को बहुत कम वक्त में प्रोसेस किया जा सकता है। इस नए प्रोसेसर की मदद से नई दवाओं की खोज से लेकर शहरों का मैनेजमेंट और ट्रांसपोर्ट जैसे काम आसान हो जाएंगे। सरकार ने पूरे देश में डेटा सेंटर पार्क बनाने का फैसला किया है। आंगनबाड़ी, पुलिस स्टेशन से लेकर बड़े-बड़े दफ्तरों को डिजिटल नेटवर्क से जोड़ा जाएगा। एक लाख ग्राम पंचायतों को हाई स्पीड ब्रॉडबैंड से जोड़ने की योजना है। जाहिर है, इससे ग्रामीण भारत का डिजिटलाइजेशन हो सकेगा।
जाहिर है, इससे ग्रामीण भारत का डिजिटलाइजेशन हो सकेगा। इसका गांव के लोगों खासकर युवाओं को काफी लाभ मिलेगा। सरकार का लक्ष्य है कि किसान खेती के पारंपरिक तरीकों से बाहर निकलें और कृषि कार्य में भी आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करें। बजट में कुसुम योजना को जारी रखने का फैसला किया गया है। इसके जरिए किसानों को अपनी जमीन में सौर ऊर्जा उपकरण और पंप लगाकर सिंचाई करने की सुविधा मिलेगी। इसकी मदद से किसान अपनी भूमि पर सोलर पैनल लगाकर इससे बनने वाली बिजली का उपयोग खेती के लिए कर सकते हैं। उनकी जमीन पर बनने वाली बिजली से देश के गांवों में बिजली की अबाध आपूर्ति शुरू की जा सकती है। उद्योग एवं व्यापार के विकास के लिए ऑनलाइन कृषि मंडी 'ई उद्योग एवं व्यापार के विकास के लिए ऑनलाइन कृषि मंडी 'ईनाम' और सरकारी खरीद पोर्टल 'जेम' के लिए 27,300 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। शिक्षा का आधुनिकीकरण वर्तमान सरकार का प्रमुख लक्ष्य रहा है। सरकार जल्द नई शिक्षा नीति का ऐलान करेगी जिसके तहत देश में ऑनलाइन डिग्री लेवल प्रोग्राम शुरू किए जाएंगे। मोबाइल इलेक्ट्रॉनिक्स पर जोर दिया जाएगा और युवाओं को इस दिशा में काम करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। युवाओं को आगे बढ़ाने के लिए लैंड बैंक की जानकारी दी जाएगी। एक पोर्टल के जरिए वे सभी जानकारियां उपलब्ध कराई जाएंगी, जिनकी उन्हें जरूरत होती है। विज्ञान और तकनीक के विकास के लिए विश्वस्तरीय शोध, अनुसंधान और कौशल आधारित शैक्षणिक संस्थान खोले जाएंगे। इसके लिए शिक्षा में एफडीआई को बढ़ावा दिया जाएगा। उम्मीद की जानी चाहिए कि तकनीक के जरिए सामाजिक-आर्थिक बदलाव का नया रास्ता खुलेगा।