सर्दियों के मौसम में बीपी और शुगर घटते-बढ़ते रहते हैं इसलिए हार्ट अटैक या हार्ट की प्रॉब्लम बढ़ने की आशंका ज्यादा रहती है। इतना ही नहीं, सर्दी की वजह से दिल की नलियां सिकुड़ जाती हैं। ऐसे में हार्ट के पेशंट को ज्यादा सावधान रहने की जरूरत होती है। ऐसे में क्या करें और क्या न करें, एक्सपर्ट्स से बात करके बता रहे हैं नरेश तनेजा...
1. ठंड से बचाव न करना
सर्दी में ज्यादा घूमने-फिरने से ठंड से हार्ट की आर्टरीज सिकुड़ जाती हैंशरीर को गरम रखने के लिए हार्ट को ज्यादा जोर लगाना पड़ता है यानी हार्ट को ज्यादा ब्लड सप्लाई की ज़रूरत पड़ती है। अगर किसी को पहले से हार्ट ब्लॉकेज है तो एंजाइना या छाती में दर्द और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
क्या न करें
-सुबह और शाम के समय जब ज्यादा ठंड हो या बादल छाए हों हार्ट के पेशंट बाहर ना जाएं। -छाती को ठंडी हवा न लगने दें, खासकर सुबह के समय क्योंकि छाती में इससे हार्ट की नाडियों या धमनियों के सिंक करने का खतरा रहता है।
- तड़के या देर रात को खुले में सैर न करें
क्या करें
- सर्दियों में हार्ट पेशंट धूप निकलने पर ही सैर के लिए जाएं।
- ठंडे पानी की जगह गुनगुने पानी से ही नहाएं।
-नहाने के तुरंत बाद घर से बाहर नहीं निकले।
-अक्सर ठंड और ठंडे पानी की वजह से लोग नहाने में जल्दबाजी करते हैं। इससे दिक्कत हो सकती है। इससे दिल की धड़कन बढ़ सकती है और एंजाइना का दर्द हो सकता है। हो सके तो नहाने से पहले बाथरूम को भी हीटर लगाकर गर्म कर लें और नहाने में हड़बड़ी न करें।
2. दवाओं की कम डोज
अपने डॉक्टर से मशविरा करके हम लोग बीपी की दवाइयां नहीं बढ़वाते जबकि गर्मी के मुकाबले सर्दी में ब्लड प्रेशर ज्यादा बढ़ जाता है और ज्यादा दवाइयों की जरूरत होती है। इससे हार्ट की प्रॉब्लम बढ़ जाती है।
क्या न करें
बिना डॉक्टर की सलाह से दवा न बदलें और न लें।
क्या करें
-जिन लोगों को शुगर और बीपी की शिकायत है, वे इन दिनों अपने डॉक्टर की सलाह से बीपी और शुगर का लेवल कंट्रोल में रखने के उपाय करें क्योंकि इन दोनों का लेवल कंट्रोल न होने से हार्ट पर जोर पड़ता है जिससे हार्ट फेल हो सकता है।
अपने डॉक्टर से दवाइयों के बारे में नियमित सलाहमशविरा करते रहें। डॉक्टर की बताई गई दवाई नियमित रूप से समय पर लें।
- डॉक्टर से बात करके दवाइयों की मात्रा बढ़वा सकते हैं क्योंकि हार्ट पेशंट्स को सर्दियों में दवाई की जरूरत ज्यादा पड़ती है।
-सर्दियों में हार्ट पेशेंट्स को फ्लू और निमोनिया का खतरा रहता है। साल में एक बार सर्दियों में वैक्सीन जरूर लगवा लें। - कब्ज और गैस न रहने दें।
- कब्ज और गैस न रहने दें। इसके लिए रात को सोते समय त्रिफला चूर्ण लें।
3. गलत खानपान
सर्दियों में ज्यादातर समस्या गलत खानपान की वजह से होती लोनी हैं। इन्हें सही करने से परेशानी काफी हद तक दूर हो जाएगीक्या न करें
सर्दियों में खानपान सही रखना बहुत जरूरी है। गलत खानपान न करेंभारी भोजन न करें। तेल-मसाला कम खाएं।
क्या करें
- इन दिनों शरीर में एसिडिटी बढ़ जाती है। इससे हार्ट में क्लोट्स बनने लगते हैं। सुबह उठकर गनगना पानी पीना चाहिए। गुनगुने पानी में एक चम्मच शहद और आधा नीबू मिलाकर पिएं। यह शरीर की एसा एसिडिटी को कम करेगा जो दिल के लिए बो हद नुकसानदायक होती है।
- अजुन छाल का काढ़ा बनाकर पिए...
- सर्दियों में प्यास कम लगती है, लेकिन पानी पीते रहना चाहिए जिससे शरीर से टॉक्सिन्स निकलत र निकलते रहें। पानी में थोड़ी सौंफ डालकर उबालें। दिन भर थोड़ा-थोड़ा यह पानी पीते रहें। ऐसे ही तुलसी, पुदीने, धनिए, दालचीनी आदि का पानी भी पी सकते हैं।
- सर्दि में गाजर, चुकदर आर सेब का जूस फायदेमंद रहता है। इस जूस से पेट को एंजाइम्स मिलत ह जा पट का ठाक है। इसस हाट प्राब्लम स बचाव होता है
- लौकी के जूस में काली मिर्च भी डालकर पिएं।