100 करोड़ स्मार्टफोन्स पर बड़ा खतरा


नई दिल्ली, यूजर्स के डेटा की सिक्यॉरिटी पर एक बार फिर से सवाल उठ रहे हैं। हाल में आई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पुराने एंड्रॉयड वर्जन पर काम कर रहे 100 करोड़ स्मार्टफोन्स पर हैकिंग का बड़ा खतरा है। साइबर सिक्यॉरिटी फर्मWhich? के मुताबिक इन स्मार्टफोन्स को अब गूगल अपडेट नहीं देता। अपडेट न मिलने के कारण पाने ऐंड्रॉयड ओएस पर काम करने वाले डिवाइस हैकर्स के लिए सबसे आसान टागरेट हैं।


40% डिवाइस में ऐंड्रॉयड 6 या उससे पुराना धए


गूगल अब केवल ऐंड्रॉयड 10, 9 पाई और 8 ऑरियो के लिए ही सिक्यॉरिटी पैच रोलआउट करता है। ऐसे में ऐंड्रॉयड 7 या उससे पुराने वर्जन वाले स्मार्टफोन्स यूज कर रहे यूजर्स के पर्सनल डेटा के चोरी होने का खतरा कई गुना बढ़ गया है। पिछले साल गूगल ने एक डेटा जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि दुनियाभर में मौजूद ऐंड्रॉयड डिवाइस में से 40% अभी भी एंड्रॉयड 6 या उससे पुराने वर्जन वाले हैं।


अपडेट्स के बारे में दी जानी चाहिए सही जानकारी


अपनी रिपोर्ट को सही साबित करने के लिए सिक्यॉरिटी फर्म ने पुराने ऐंड्रॉयड ओएस वाले कई डिवाइसेज को खरीदा और उन्हें मैलवेयर (वायरस) से इंफेक्ट किया। सिक्यॉरिटी अपडेट न मिलने के कारण इस सभी डिवाइसेज में बड़ी आसानी से वायरस को पहुंचा दिया गया। रिसर्चर्स ने जोर देते हुए कहा कि डेटा सिक्यॉरिटी के लिए सबसे जरूरी है कि स्मार्टफोन कंपनियां यूजर्स को डिवाइस को मिलने वाले सभी अपडेट्स के बारे में सही जानकारी दें।


एक साल में बंद कर देते हैं सिक्यॉरिटी अपडेट


गगल अभी भी पिक्सल और ऐंड्रॉयड वन पर काम करने वाले डिवाइसेज को तीन साल तक जरूरी सिक्यॉरिटी अपडेट देता है। वहीं, दूसरे मैन्युफैक्चरर्स एक या दो साल बाद ही सिक्यॉरिटी पैच देना बंद कर देते हैं। सिक्यॉरिटी फर्म ने कहा कि ऐंड्रॉयड डिवाइसेज के लिए भी विंडोज और आईओएस की तरह लंबे वक्त तक सिक्यॉरिटी अपडेट आने चाहिए।


अपडेट के मामले में आगे ऐपल और माइक्रोसॉफ्ट


ऐपल अपने यूजर्स की सिक्यॉरिटी को लेकर काफी गंभीर रहता है। यही कारण है कि कंपनी ने साल 2016 में आए iPhone SE को पिछले साल लॉन्च हुआ iOS 13 दिया था। इसी तरह साल 2009 में रिलीज हुए विंडोज 7 को अपडेट मिलना इस साल बंद हुआ है।