नए टैक्स सिस्टम में 7 स्लैब्स

नई दिल्ली, बजट में नए इनकम टैक्स स्लैब्स के जो प्रपोजल दिएगए हैं, वे ज्यादा न्यायसंगत हैं और कई देशों के टैक्स सिस्टम की गहरी स्टडी के बाद बनाए गए हैं। यह बात राजस्व सचिव अजय भूषण पांडे ने कही है। पांडे के मुताबिक, दूसरे देशों के टैक्स स्ट्रक्चर की स्टडी से पता चला है |कि इनकम टैक्स स्लैब कम होने से टैक्सपेयर्स के साथ भेदभाव बढ़ता है और कम आय वर्ग वाले टैक्सपेयर्स को ज्यादा मुश्किल होती है। पहले चार रहे इनकम टैक्स स्लैब को बढ़ाकर पहली अप्रैल से सात करने का प्रस्ताव है। एक या दो ही हों टैक्स स्लैब्स!


पांडे ने ईटी से बातचीत में कहा, 'लोगों का कहना है कि स्लैब एक या दो होने चाहिए, लेकिन यह बहुत पक्षपातपूर्ण होगा। टैक्स स्लैब एक या दो होने पर टैक्स रेट ज्यादा होंगे। इनकम टैक्स स्ट्रक्चर प्रोग्रेसिव होना चाहिए। हमने नतीजे पर पहुंचने के लिए विकासशील, विकसित, पड़ोसी देशों के टैक्स स्लैब का अध्ययन किया।' नया टैक्स सिस्टम एग्जेम्पशन और डिडक्शन छोड़ने वालों के लिए है और ऑप्शनल है। टैक्सपेयर्स एग्जेम्पशन के साथ तीन रेट वाले मौजूदा स्ट्रक्चर में बने रह सकते हैं जिसमें 10 लाख रुपये से ऊपर की इनकम पर 301 का पीक रेट है।