एक तरफ जहां पूरे देश में कोरोना वायरस को रोकने को लेकर युद्धस्तर पर प्रयास जारी है। शासकीय, अशासकीय और निजी कार्यालय बड़े पैमाने पर कोरोना की रोकथाम में जुटे हुए हैं। वहीं पर उल्हासनगर मनपा मुख्यालय के शौचालय में साफ-सफाई की काफी समस्या हैशौचालय में पानी व हाथ धोने का साबुन नहीं हैउमपा आयुक्त द्वारा सार्वजनिक निर्माण विभाग, स्वास्थ्य व जलापूर्ति विभाग के अधिकारियों को आदेश देने के बाद भी उनके आदेश को अधिकारियों द्वारा नजरअंदाज किया गया है।
उल्हासनगर मनपा आयुक्त सुधाकर देशमुख ने गत गुरुवार १२ मार्च २०२० को एक पत्रकार परिषद लिया। परिषद में कोरोना को लेकर मनपा प्रशासन ने क्या कार्रवाई की? इसकी जानकारी दी। मध्यवर्ती अस्पताल की मदद से वैद्यकीय टीम स्थापन करने की जानकारी दी। महानगरपालिका मुख्यालय के शौचालय में गंदगी के बारे में आयुक्त सुधाकर देशमुख ने वैद्यकीय अधिकारी डॉ. राजा रिजवानी, सार्वजनिक निर्माण विभाग के अभियंता अश्विनी आहूजा, जलापूर्ति विभाग के अभियंता सी.जी. सोनवणे को बुलाकर २४ घंटे शौचालय में पानी, हाथ साफ करने के लिए साबुन रखने का आदेश दिया था। २४ घंटे में काम पूर्ण नहीं होने पर अधिकारियों के वेतन से पगार काटने की भी हिदायत दी। आश्चर्य की बात है कि गंभीर समय में आज ५ दिन हो गए पर मनपा मुख्यालय की समस्या जस की तस बनी हुई है। किसी भी अधिकारी ने मनपा आयुक्त के आदेश को गंभीरता से नहीं लिया है। उल्हासनगर के जलापूर्ति विभाग के उपकार्यकारी अभियंता किशोर रहेजा का तो कहना है कि पानी देखकर जिसमें पानी है उस शौचालय का प्रयोग करें।