तिरंगा मास्क बेचना और पहनना दोनों राष्ट्रद्रोह माना जायेगा. तिरंगा मास्क पहनने वालों और इसकी बिक्री करने वालों के खिलाफ राष्ट्रद्रोह का मुकदमा दर्ज होगा. ऐसे लोगों को तीन साल के लिए जेल जाना पड़ेगा और जुर्माना भी भरना पड़ सकता है. झारखंड की राजधानी रांची में जिला प्रशासन ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है. रांची के अपर जिला दंडाधिकारी (विधि व्यवस्था) अखिलेश सिन्हा ने रविवार को तिरंगा मास्क की बिक्री पर रोक के आदेश दिये हैं. इसमें कहा गया है कि तिरंगा मास्क की बिक्री पर रोक के बावजूद किसी ने ऐसा मास्क बेचने की कोशिश की, तो इसे राष्ट्रीय ध्वज का अपमान माना जायेगा और ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी.
कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए केंद्र/राज्य सरकार द्वारा आम लोगों को मास्क का उपयोग करने का निर्देश दिया गया है. सरकार के निर्देश के आलोक में आम लोग मास्क का उपयोग कर रहे हैं. इस दौरान कुछ लोग डिजाइनर मास्क भी पहन रहे हैं. स्वतंत्रता दिवस को देखते हुए मास्क बनाने वाली कंपनियों ने तिरंगा मास्क बाजार में उतारकर इसे धड़ल्ले से बेचना शुरू कर दिया है.
रांची जिला प्रशासन ने ऐसे मास्क की बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है. एडीएम लॉ एंड ऑर्डर अखिलेश सिन्हा ने इस संबंध में रविवार को आदेश जारी कर दिया. आदेश में एडीएम ने कहा है कि रोक के बावजूद अगर कोई दुकानदार या मास्क के थोक विक्रेता इसकी बिक्री करते पकड़ा जायेगा, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जायेगी.
एडीएम (लॉ एंड ऑर्डर) अखिलेश सिन्हा ने अपने आदेश में प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ), अंचल अधिकारी (सीओ) और थाना प्रभारियों से कहा है कि वे अपने-अपने क्षेत्र में नजर रखेंगे. यदि कोई तिरंगा मास्क की बिक्री करते या इसे पहनकर घूमते दिख जाये, तो उसके खिलाफ तुरंत विधिसम्मत कार्रवाई करेंगे.
श्री सिन्हा ने कहा है कि आम लोग कुछ दिनों तक मास्क का उपयोग करने के बाद इसे फेंक देते हैं. तिरंगा मास्क का इस्तेमाल करके उसे फेंक देना राष्ट्रीय ध्वज का अपमान होगा. इसलिए प्रशासन की सभी लोगों से अपील है कि वे ऐसे मास्क की खरीदारी न करें. न ही उसका इस्तेमाल करें. अगर कहीं भी इसकी बिक्री हो रही है, तो इसकी सूचना प्रशासन को दें. आवश्यक कार्रवाई की जायेगी.